भाषा – बोली, जबान, वाणी, उच्चारण, कथन, भाषण। कभी भी पर्यायवाची या समानार्थी (समानार्थी) शब्दों को रटने से पहले स्वयं ही वाक्य प्रयोग के द्वारा पर्यायवाची शब्द ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए. ऐसा करने से हमें ये शब्द याद रहते हैं. समुद्र वारीश, सिंधु, रत्नाकर, नीरनिधि, अकूपाद, तयोनिधि, सरित्पति, पयोनिधि, https://davids454mcp1.blogchaat.com/profile